चिबड़ (गुणों से भरपूर ), Benefits of Mouse Melon/Cucamelon or Chibbad

दोस्तो आज हम चिबड़ के बारे में जानेंगे जो के खाने में बहुत ही स्वाद होता है और सेहत के लिए भी कई गुणों से भरपूर होता है । जैसा के सुनने में चिबड़ का नाम इतना सुंदर नहीं है, लेकिन यह बहुत ही प्रसिद्ध नामों के साथ जाने वाले महंगे सलाद और महंगे फलों की तुलना में कहीं अधिक सेहत के लिए फायदेमंद है।  चिबड़ में कई तरह के फ़ीटोन्यूट्रिएंट्स होते है जो कि हमे कई बीमारियों से बचाते है । अगर पुराने समय की बात करे तो भारत समेत ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, ईरान, आदि हर साल इसे खाते रहते थे जिससे वे काफी सेहतमंद रहते थे।
इसे खाने से खून में बड़ी हुई गुलुकोज के हाज़मे, इंसुलिन बनना, रेटिनोपैथी, नेफ्रोपैथी और शुगर की बीमारी की रोकथाम में भी मदद करता है ।  असल में ग्लूकोज को हज़म करने के लिए शरीर में कई अलग-अलग जैविक गतिविधियां होती हैं । इन गतिविधियों को चलाने में ऑलीनोलिक एसिड, ग्लाइसीरैथिनिक एसिड, ursolic एसिड, और ल्यूपॉल जैसे तत्व बहुत उपयोगी होते हैं । ये तत्व हार्मोन को बनाए रखने और हार्मोन संतुलन बनाए रखने में भी मदद करते हैं ।
सेब में कम मात्रा में उर्सोलिक एसिड होता है जिससे सेब कैंसर से बचाता है, मांसपेशियों का विकास करता है और चर्बी को कम करता है, एक  चिबड़ में फाइटोकेमिकल दो किलो सेब जितना होता है । एक वैज्ञानिक जांच से पता चला है कि हर खाने में हर रोज 150 मिलीग्राम ursolic एसिड होना चाहिए । लेकिन यह एक छोटे चिबड़ में ही 225mg होता है । यह पुरुष और औरत के हार्मोन रिसाव को सही बनाता है । इसके कारण, चिबड़ का प्रयोग करने वाली महिलाओं के लिए अक्सर बहुत कम गोपनीय बीमारियां होती हैं ।
इसको खाते रहने से गर्भाशय के कैंसर, ब्रेस्ट का विकास, अंडे की कमी, कम मासिक धर्म, अनचाहे बाल, बालों का झड़ना, चेहरे के दाग आदि रोग नहीं होते हैं । इसमें एंटीप्रोटोजोअल होने के कारण दूषित पानी से बने हुए खाने से रोगों से भी बचा होता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ट्यूमर भी है, जिससे इंफेक्शन होने का खतरा कम रहता है । यह कई प्रकार के कैंसर, गिल्टी, रसोली से बचाता है ।
इसको खाने से पेट की गैस, पेट में दर्द, पेट में कीड़े, मुंह से दुर्गंध, फोड़े-फुंसियों की कमी, भूख न लगना, बच्चों का शारीरिक विकास में कमी आदि ये सब दूर हो जाते है ।  चिबड़ में काफी मात्रा में glycyrrhetinic acid एसिड भी होता है। यह peptic ulcer ਅਤੇ gastroesophageal reflux disease को बनने नही देता है । थक्के में ओलीनोलिक एसिड के कारण, क्लच अनमोल हो जाता है। चिबड़ का उपयोग करते रहने से खांसी, जुकाम, गले में खराश, एलर्जी, फाइबर, सूखी खांसी आदि नहीं होता है ।
इसके छिलके में  विटामिन के, डाइस्टिक फाइबर और पोटैशियम होता है । इसके बीजों में कई मात्रा में खनिज और गूदे में बीटा केरोटीन zeaxanthin और bioflavonoids आदि काफी मात्रा में होते हैं, जो कि आंखों को मजबूत और ठीक रखने के लिए जरूरी होते है । इसे बहुत सस्ते में उगाया जा सकता है । आप इसकी चटनी बना कर इसे प्रयोग में ला सकते हैं ।

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Comments

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